One Nation, One Election Committee : वन नेशन, वन इलेक्शन की कमेटी का नोटिफिकेशन जारी; मंत्री, पूर्व मंत्री से लेकर वकील बने कमेटी के सदस्य

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वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार ने शनिवार (2 सितंबर) को वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है । पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति में सदस्य के रूप में गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष सिंह कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी है। कमेटी का कार्यकाल स्पष्ट नहीं है. समिति को यथाशीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है ।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी का नाम उच्च स्तरीय समिति और अंग्रेज़ी में एचएलसी कहा जाएगा। विधियों न्याय विभाग के सचिव नितेन चंद्र इसका हिस्सा होंगे । नितेन चंद्र एचएलसी के सचिव भी होंगे। इसके अलावा कमेटी की बैठक में केंद्रीय न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहेंगे। दरअसल एक राष्ट्र, एक चुनाव का मतलब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना है ।

गौरतलब है कि केंद्र की भाजपा सरकार देशभर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाने की प्रबल पक्षधर है। इसके पीछे सरकार का तर्क है देश में अगर लोकसभा चुनाव और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो इससे खर्चा कम होगा। चुनाव की वजह से प्रशासनिक अधिकारी भी व्यस्त रहते हैं, उन्हें भी इस काम से निजात मिलेगी और अन्य काम पर फोकस कर सकेंगे। आंकड़े के मुताबिक, जब देश में पहली बार चुनाव हुए थे, उस वक्त तकरीबन 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 17वीं लोकसभा में 60 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च हुए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब लोकसभा चुनाव में इतने पैसे खर्च हुए तो विधानसभा चुनावों में कितने पैसे खर्च होते होंगे।

समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी । इस बात का अध्ययन भी करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी । कमेटी तुरंत काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द सिफारिशें देगी । समिति इसके अलावा एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या दलबदल से उभरते परिदृश्यों के प्रभाव का भी विश्लेषण करेगी ।

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