Parliament Special Session Live : संसद के विशेष सत्र के बीच आज शाम साढ़े छह बजे होगी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक, जानें क्या है एजेंडा

0

केंद्र सरकार की ओर से बुलाए गए संसद के विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई है। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण के साथ चर्चा को शुरू किया। पीएम ने इंदिरा सरकार में लगाई गई इमरजेंसी के बारे में बात की और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के उस वक्त को भी याद किया, जब एक वोट से उनकी सरकार गिर गई थी। वहीं, संसद के विशेष सत्र के बीच शाम 6:30 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल (मोदी कैबिनेट) की बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट की बैठक में संसद के सत्र को पुराने भवन से नए भवन में ले जाने के लिए मंजूरी दी जाएगी ।

राज्यसभा के संसदीय बुलेटिन में यह भी बताया गया है कि मंगलवार (19 सितंबर) को सुबह 9:30 बजे से पार्लियामेंट हाउस के गेट नंबर 1 और सेंट्रल हॉल के बीच कोर्टयार्ड 1 (आंगन) में राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की ज्वाइंट फोटोग्राफ ली जाएगी । वहीं, राज्यसभा सदस्यों की भी ज्वाइंट फोटोग्राफ ली जाएगी. इसके लिए सभी सदस्यों से सुबह सवा नौ बजे मौके पर पहुंचने के लिए आग्रह किया गया है ।

राज्यसभा की ओर एक बुलेटिन जारी कर सांसदों से मंगलवार को संसद के सेंट्रल हॉल में इकट्ठा होने के लिए कहा गया है । बुलेटिन के अनुसार राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के हवाले से कहा गया है, ”राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों से अनुरोध है कि वे पार्लियामेंट ऑफ इंडिया (भारतीय संसद) की समृद्ध विरासत को मनाने और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने के लिए एक समारोह के लिए 19.09.2023 को सुबह 11 बजे संसद के सेंट्रल हॉल (केंद्रीय कक्ष) में इकट्ठा हों ।”

नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किए जाने की चर्चा हो रही है । चुनाव में महिलाओं के वोट का बड़ा योगदान रहा है । चुनाव में जिसके साथ भी महिलाएं रही हैं उसी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है । 2019 लोकसभा चुनाव में 36 फीसदी महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया था जबकि 20 फीसदी महिलाओं ने कांग्रेस को वोट दिया था। जीत बीजेपी की हुई थी ।

महिला आरक्षण विधेयक 27 सालों से पेंडिंग है. एच डी देवगौड़ा की सरकार में इस विधेयक में 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया गया था । बिल का मुख्य 15 साल के लिए लक्ष्य महिलाओं के लिए लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें आरक्षित करना है । वाजपेयी सरकार ने लोकसभा में इस विधेयक को आगे बढ़ाया (1998), लेकिन यह फिर भी पारित नहीं हुआ ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.