Women Reservation Bill Passed : ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ लोकसभा से पास, समर्थन में 454, विरोध में पड़े सिर्फ 2 वोट
लोकसभा से बुधवार को पास हुए महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल)। इसके लिए पर्ची के माध्यम से वोटिंग हुई जिसमें समर्थन में 454 वोट डाले गए और विरोध में मात्र दो वोट पड़े। जानें कौन हैं वो नेता …
लोकसभा में आज दिन भर चली बहस के बाद ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर वोटिंग हुई और बिल लोकसभा से पास हो गया। पर्चियों के माध्यम से वोटिंग कराई गई और समर्थन में 454 वोट डाले गए जबकि दो वोट विरोध में पड़े। इस बीच सामने आया है कि विरोध में वोटिंग करने वाले दो नेता कौन हैं? नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल के विरोध में मत डालने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील हैं । दरअसल हैदराबाद से सांसद ओवैसी बिल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए रिर्जेवशन की मांग कर रहे हैं ।
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले बिल पर गुरुवार (21 सितंबर) को राज्यसभा में चर्चा होगी । राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि इस विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है ।
लोकसभा में ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने महिला के सम्मान को लेकर नरेंद्र मोदी के कार्यों की तारीफ की। उन्होंने सदन को बताया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने महिलाओं और बेटियों के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमित शाह ने कहा पीएम मोदी के लिए महिला आरक्षण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का मामला है। अमित शाह ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्रियों को जगह-जगह काफी भेंटें (गिफ्ट्स)मिलते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोग इन गिफ्ट्स को तोशाखान में सुरक्षित रखवा देते हैं लेकिन मोदी जी ने उस वक्त सार्वजनिक ऐलान किया था कि जितनी भी भेंट या गिफ्ट आएगी सबका ऑक्शन होगा और वो रकम बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई के लिए खर्च किया जाएगा।
कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण को हमारा समर्थन है। राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण एक बहुत बड़ा कदम है। इस दौरान राहुल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाह और इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए । अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि नई संसद के प्रवेश में राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाया गया। इतना ही नहीं इस दौरान राहुल गांधी ने जाति जनगणना की भी मांग की। राहुल ने कहा कि महिलाएं 7,8,9 साल तक क्यों इंतजार करें। राहुल ने कहा कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी समुदाय से हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण में ओबीसी का शामिल ना करना अपमानजनक है।
ओवैसी ने कहा कि संसद में ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है । उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी हैं, लेकिन आज सदन में ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व महज 20 प्रतिशत है ।” ओवैसी ने इस विधेयक को चुनावी स्टंट भी करार दिया । सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया । विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद थे ।