UNLF Signs Peace Accord : मणिपुर का सबसे पुराना सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़ने पर सहमत, शांति समझौते पर किया हस्ताक्षर

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मणिपुर का सबसे पुराना बताए जा रहे सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़ने पर राजी हो गया है। समूह ने सरकार के साथ एक शांति समझौते पर साइन भी किया है। अमित शाह ने ट्वीट किया है …

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (29 नवंबर) को कहा कि मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है। उन्होंने बताया कि यूएनएलएफ ने केंद्र के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं ।

गृह मंत्री शाह ने अपने X हैंडल पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए बताया, ”एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई! पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है क्योंकि यूएनएलएफ ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।”

एक और पोस्ट में गृह मंत्री ने कहा, ”भारत सरकार और मणिपुर सरकार की ओर से यूएनएलएफ के साथ आज हस्ताक्षरित शांति समझौता छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक है । यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।”

बता दें कि गृह मंत्रालय ने कई अन्य चरमपंथी संगठनों के साथ यूएनएलएफ पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिनों बाद यह शांति समझौता हुआ। यह निर्णय तब लिया गया जब केंद्र को लगा कि ये संगठन मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल है। यूएनएलएफ मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है, जिसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 में की गई थी ।

यूएनएलएफ क्या है?

24 नवंबर, 1964 को एरियाबम समरेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्थापित, यूएनएलएफ उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है। 70 और 80 के दशक में, समूह ने मुख्य रूप से लामबंदी और भर्ती पर ध्यान केंद्रित किया। 1990 में, इसने भारत से मणिपुर की ‘मुक्ति’ के लिए एक सशस्त्र संघर्ष शुरू करने का निर्णय लिया। उसी वर्ष, इसने मणिपुर पीपुल्स आर्मी (MPA) नामक एक सशस्त्र विंग का गठन किया।

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