Rahul Gandhi Parliament Membership : सदस्यता बहाली के बाद संसद में कुछ इस अंदाज में नजर आए राहुल गांधी, जानें कौन क्या कहा
लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी सोमवार को संसद पहुंचे । संसद पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले गांधी प्रतिमा को नमन किया । कांग्रेस में जश्न का माहौल है । जहां पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया और समर्थन में नारे लगाए । राहुल की संसद में उस समय वापसी हुई है जब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने वाला है। राहुल अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाषण भी दे सकते हैं। वहीं, सभीनें अपना अपना प्रतिक्रिया रखें । जानें कौन क्या कहा …
लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार (7 अगस्त) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद पहुंचे । इस दौरान उनके साथ उनकी मां कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेता भी थे । जैसे ही राहुल गांधी संसद पहुंचे तो कांग्रेस और उसके कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने उनका स्वागत किया और उनके समर्थन में नारेबाजी की । लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में पार्टी के उप नेता प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन और कई अन्य विपक्षी सांसदों ने सदन के प्रवेश द्वार पर राहुल गांधी का स्वागत किया । विपक्षी सांसदों ने नारे लगाते हुए कहा कि ‘राहुल गांधी संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’ और ‘राहुल गांधी जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए ।

सदस्यता बहाल होने के साथ ही राहुल गांधी का ट्विटर बायो भी अपडेट हो गया । राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट बायो को ‘अयोग्य सांसद’ से ‘संसद के सदस्य’ के रूप में अपडेट कर दिया है, वहीं, राहुल गांधी के सदन पहुंचते ही भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें निशान पर ले लिया ।
नेताओं की प्रतिक्रिया …..
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘हम सदन में उनका दोबारा स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं । इससे हमारी रैंक मजबूत होगी । कल अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है, इससे हमारे तर्कों को बल मिलेगा कि इस सरकार ने भारत का विश्वास क्यों खो दिया है । मुझे पूरा यकीन है कि वे(राहुल गांधी) अविश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेंगे ।’
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, राहुल गांधी इज बैक । संसद में फिर से सिंह गर्जना होगी ।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “स्पीकर ने आज ये फैसला लिया । हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलते ही हमने इसे बहाल कर दिया ।”
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “सच्चाई की जीत हुई है और झूठ की हार हुई है। भारत जीत गया है, हमारे शेर राहुल गांधी जीत गए हैं, मोदी जी, आपकी हार शुरू हो गई है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, “बेहद राहत के साथ, मैं राहुल गांधी की बहाली की आधिकारिक घोषणा का स्वागत करता हूं। वह अब भारत के लोगों और वायनाड में अपने मतदाताओं की सेवा करने के लिए लोकसभा में अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू कर सकते हैं। यह लोकतंत्र और न्याय की जीत है!”
राजस्थान CM अशोक गहलोत ने कहा, ‘पूरे देश में एक संदेश गया है । यह भाजपा नेताओं द्वारा की गई साजिश थी क्योंकि उन्हें राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता का डर था । बीजेपी बेनकाब हो गई है । अगर PM मोदी को कोई टक्कर दे रहा है तो वह राहुल गांधी हैं ।”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘जहां तक कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी का सवाल है तो मैं उन्हें सदस्यता बहाल होने पर बधाई देना चाहता हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट को भी बधाई देता हूं। इस फैसले के बाद लोकतंत्र और न्यायालय पर विश्वास बढ़ा है ।’
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बड़ा बयान दिया है । उन्होंने कहा कि राहुल की वापसी से कांग्रेसी भले ही खुश हो रहे हों लेकिन उनके सहयोगी दुखी हैं । शरद पवार, ममता बनर्जी और सबसे ज्यादा नीतीश कुमार ।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल पर कटाक्ष किया, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि एक न्यूज पोर्टल को पैसा मिला । यह क्लिप देशद्रोही और टुकड़े-टुकड़े गैंग ने रखवाया । चीन से कांग्रेस को पैसा मिलता रहा है ।’
बता दें कि, राहुल गांधी एक बार फिर से वायनाड के सांसद बन गए हैं। लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर उनकी सांसद सदस्यता की अधिसूचना जारी कर दी है। सचिवालय ने अधिसूचना में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 4 अगस्त के फैसले के मद्देनजर राहुल गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है । कोर्ट ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी । जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी ।