Nag Panchami 2023 : शुभ योगों में मनाई जाएगी नाग पंचमी; भूलकर भी न करें ऐसा, लग सकता है पाप
सनातन धर्म में हर त्योहार बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। ऐसे में जब कोई त्यौहार सावन के महीने में आता है तो उसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है और नाग पंचमी का त्यौहार भी उनमें से एक है। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको “नाग पंचमी 2023” के बारे में सारी जानकारी जैसे तिथि, महत्व और मुहूर्त आदि प्रदान करेगा। साथ ही क्यों खास है साल 2023 की नाग पंचमी? इस दौरान आपको कौन सी चीजें करना नहीं भूलना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइये बिना देर किये शुरुआत करते हैं नाग पंचमी 2023 के इस ब्लॉग की और सबसे पहले बात करते हैं तिथि व मुहूर्त की …
तिथि और मुहूर्त :
धार्मिक दृष्टि से नाग पंचमी का विशेष महत्व है और यह त्योहार नाग देवता को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। सुपरमून के कारण इस बार सावन 2 महीने का हो गया है इसलिए अब नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त 2023, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नाग देवता की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। हालांकि शुभ मुहूर्त में इनकी पूजा करना बहुत फलदायी होता है।
मुहूर्त :
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 53 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक।
बन रहे हैं शुभ योग :
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस साल का सावन बेहद खास है क्योंकि इसमें भक्तों को दो महीने तक भगवान शिव की पूजा करने का मौका मिलेगा। इसी तरह नाग पंचमी 2023 भी बेहद शुभ रहेगी क्योंकि इस दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सुबह से लेकर रात 10 बजकर 21 मिनट तक शुभ योग रहेगा और इसके तुरंत बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा जो पूरी रात रहेगा।
इसके अलावा नाग पंचमी पर दो त्योहार पड़ रहे हैं क्योंकि इस साल नाग पंचमी सोमवार को मनाई जाएगी इसलिए इस दिन नाग पंचमी की पूजा के साथ-साथ सावन सोमवार का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में भक्तों को भगवान शिव के साथ-साथ उनके प्रिय नाग की भी पूजा करने का मौका मिलेगा ।
महत्व :
हिंदू धर्म में सभी जीव-जंतुओं को भगवान का दर्जा दिया गया है। उसी प्रकार शास्त्रों में नाग को भी देवता माना गया है जिनके सम्मान में नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हालाँकि, सनातन धर्म में देवी-देवताओं का नागों से संबंध बहुत पुराना है, जिसे हम देवी-देवताओं की छवियों में देख सकते हैं। भगवान श्री हरि विष्णु की शय्या शेषनाग है और भगवान शिव नाग देवता को अपने गले में धारण करते हैं।
नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है और उनकी रक्षा का संकल्प लिया जाता है। साथ ही सांपों की पूजा करने से परिवार को सांपों के भय से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी पर नाग पूजा करना उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष होता है और यह दिन राहु-केतु संबंधी दोषों से छुटकारा पाने के लिए भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस अवसर पर नागों की छवि का दूध से अभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा विधि :
- नाग पंचमी 2023 के अनुसार, इस त्यौहार के आठ प्रमुख नाग देवता माने गए हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं: वासुकि, अनंत, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख आदि। इस दिन इन्हीं अष्टनागों की पूजा करने की परंपरा है।
- नाग पूजा के लिए पंचमी तिथि से एक दिन पहले यानी कि चतुर्थी तिथि पर केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करें।
- इसके बाद, पंचमी तिथि का व्रत करें और व्रत के पूरा होने के पश्चात ही भोजन का सेवन करें।
- एक चौकी पर नाग देवता का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें या फिर यदि आप चाहें तो, मिट्टी से नाग देवता की प्रतिमा भी बना सकते हैं।
- अब नाग देवता को हल्दी सिंदूर, अक्षत (चावल), दूध और फूल आदि अर्पित करें।
- कच्चे दूध में चीनी और घी मिलाकर नाग देवता का श्रद्धापूर्वक अभिषेक करें।
- अभिषेक के पश्चात नाग देव की कथा अवश्य सुने और फिर आरती करें।
भूलकर भी न करें ये काम :
- नाग पंचमी पर भगवान शिव और नाग देवता का दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग न करें। ध्यान रखें कि जल से अभिषेक के लिए तांबे और दूध अर्पित करने के लिए पीतल के लोटे का इस्तेमाल करें।
- नाग पंचमी के दिन नागों को किसी भी तरह का कष्ट पहुंचाने से बचना चाहिए। जीवित नाग की पूजा करने और उनको कष्ट देने से आप पाप के भागीदार बन सकते हैं।
- नाग पंचमी पर सांपों को दूध पिलाने से बचें क्योंकि सांप के लिए दूध ज़हर का काम कर सकता है।
- इस दिन तवे और कढ़ाई में खाना बनाने से परहेज़ करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से नाग देव को कष्ट होता है।
- इसके अलावा, नुकीली और धारदार चीज़ों जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का उपयोग करना नाग पंचमी पर अशुभ माना गया है।
- नाग पंचमी पर जमीन की खुदाई आदि से जुड़े कार्य नहीं करने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से जमीन के अंदर सांपों के बिल टूट सकते हैं।
कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाएंगे ये उपाय :
- कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए नाग पंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करें।
- यदि संभव हो, तो नाग पंचमी पर अपने वजन के अनुसार कोयला लें और बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
- कुंडली में कालसर्प दोष होने पर नाग पंचमी पर चांदी से बनी हुई नाग-नागिन की आकृति वाली अंगूठी धारण करें।
- राहु-केतु का आशीर्वाद पाने के लिए आप नाग पंचमी के दिन “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” और “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:” मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।