AIADMK-BJP Alliance : एआईएडीएमके ने बीजेपी से तोड़ा गठबंधन, एलान के बाद छूटे पटाखे
एआईएडीएमके ने बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने का ऐलान कर दिया है । आज चेन्नई में हुई पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक में ये फैसला लिया गया। इस फैसले के बाद पार्टी के मुख्यालय के बाहर एआईएडीएमके समर्थकों के बीच जबरदस्त उत्साह देखने मिला। गठबंधन तोड़ने के एलान के बाद छूटे पटाखे । एआईएडीएमके ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही महीने बाकी है । हालांकि, एआईएडीएमके इस कदम के बाद भी बीजेपी ने उम्मीद नहीं छोड़ी है ।
अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने बैठक के बाद कहा, “अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। अन्नाद्रमुक आज से भाजपा और एनडीए से सभी संबंध तोड़ रही है। पिछले एक साल से ईपीएस और हमारे कैडर भाजपा का राज्य नेतृत्व लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है।”
इस फैसले से पहले अन्नाद्रमुक ने कहा था कि उनका भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है और अगर सब ठीक रहा तो गठबंधन को लेकर चुनाव के समय विचार किया जाएगा। डी जयकुमार ने यह बयान दिया था और उन्होंने साफ किया था कि यह उनका निजी बयान नहीं है, बल्कि ये उनकी पार्टी का स्टैंड है। डी जयकुमार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि अन्नामलाई ने एआईएडीएमके पार्टी के दिग्गज नेता सीएन अन्नादुरई की आलोचना की थी, इतना ही नहीं उन्होंने दिवंगत पूर्व सीएम जे जयललिता की भी आलोचना की थी। उनकी पार्टी यह बर्दाश्त नहीं कर सकती।
डी जयकुमार ने ये तक कह दिया था कि अन्नामलाई तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के लायक नहीं हैं। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने बीते दिनों राज्य के धार्मिक मामलों के मंत्री पीके शेखर बाबू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। जिस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की थी, उस कार्यक्रम में पीके शेखर बाबू भी मौजूद थे। इसके बाद से ही दरार बढ़ती जा रही थी।
वहीं, एआईएडीएमके के ऐलान को लेकर सोमवार को जब तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई से मीडिया ने प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने पहले कहा कि वह बाद में बात करेंगे क्योंकि यात्रा में हैं। कुछ देर बाद उन्होंने कहा, ”एआईएडीएमके के फैसले पर राष्ट्रीय नेतृत्व समय पर प्रतिक्रिया देगा।”
एआईएडीएमके प्रवक्ता शशिरेखा ने मीडिया से कहा, “…सदस्यों की राय के आधार पर हम यह (एनडीए से अलग होने का) संकल्प ले रहे हैं… यह एआईएडीएमके के लिए सबसे खुशी का क्षण है. हम आगामी चुनावों का सामना करने के लिए बहुत खुश हैं, चाहे वह संसद या विधानसभा चुनाव हो…।”
चेन्नई में एआईएडीएमके के डिप्टी कोऑर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने कहा, ”एआईएडीएमके ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया। एआईएडीएमके आज से बीजेपी और एनडीए गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है । बीजेपी का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में अनावश्यक टिप्पणियां कर रहा है।”
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी प्रतिक्रिया दी है । उन्होंने कहा, ”यह एक अच्छा कदम है, अगर उन्होंने (AIADMK) भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा को समझ लिया है और सोच-समझकर बयान दिया है और ये बयान इसलिए नहीं दिया कि वो बीजेपी के साथ किसी तरीके का कोई बारगेन (सौदाबाजी) करेंगे, ये बहुत अच्छा कदम है…।”
राशिद अल्वी ने आगे कहा, ”बीजेपी अपने अलायंस की कोई इज्जत नहीं करती है… शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर चली गई, ये बड़ी पार्टी थी महाराष्ट्र की, अकाली छोड़कर चले गए, जो पंजाब की बड़ी पार्टी थे, यूपी के अंदर कई पार्टियां छोड़कर गईं, आ गईं, फिर छोड़कर चली गईं तो ये एक उनका एलाइन रहा है और आज उनका बयान देने का मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के बारे में जो हम लोग लगातार कहते हैं कि वो अपने अलायंस का न खयाल करते है, न इज्जत देते हैं। ये इसका एक बड़ा सबूत है।”