कई दिनों के प्रदूषण के बाद सोमवार से हो रही हल्की बारिश से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। बारिश की वजह से प्रदूषण कम हुआ है और दिल्ली की हवा में भी सुधार हुआ है। अब इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेप-3 पर लगे प्रतिबंध हटा दिए हैं ।
दिल्ली में ग्रेप-3 पर लगी रोक हटने के साथ ही अब निर्माण कार्य पर लगी रोक भी हट जाएगी। लोग इमारतों सहित सभी प्रकार की चीज़ें बनाने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही सरकारी एजेंसियां अवैध निर्माण के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई भी कर सकेंगी. व्यावसायिक कंपनियां भी दीवारों पर पेंटिंग कर सकेंगी। वहीं, हॉट मिक्स प्लांट, ईंट भट्टे और स्टोन क्रशर चलाने पर लगी रोक भी हटा दी जाएगी ।
इसके अलावा भारत स्टेज-3 और 4 वाले पेट्रोल वाहन और हल्के मोटर पहिया वाहनों पर लगी पबंदी भी हटा दी जाएगी। अब यह वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। वहीं होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों के तंदूर में कोयले और जलावन लकड़ी का प्रयोग भी अब किया जा सकेगा।
सीएक्यूएम ने अपने आदेश में कहा है कि वायु गुणवत्ता में सुधार और मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला किया गया है। सीएक्यूएम ने कहा कि सब-कमिटी ने 28 नवंबर को अपनी बैठक में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा आईएमडी और आईआईटी मुंबई के मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की भी समीक्षा की गई। इसके तहत यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 27 नवंबर की शाम 4 बजे 395 थी जिसमें 28 नवंबर को 83 पॉइंट की गिरावट आई है और एक्यूआई का स्तर 312 दर्ज किया गया है। बता दें कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 401-450 रहने पर ग्रैप का तीसरा चरण लागू करने का प्रावधान है।
बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए बारिश की बड़ी भूमिका रही है। पश्चिमी विक्षोभ और हवा की अनुकूल गति के कारण राष्ट्रीय राजधानी और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ। दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने सोमवार रात 8.30 बजे तक 7.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि हवा की गति सुधरकर 20 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई, जिससे प्रदूषक तत्वों के बिखराव में मदद मिली।