Bhopal-Indore Metro : भोपाल-इंदौर में जल्द दौड़ेगी मेट्रो, सीएम शिवराज ने किया मॉडल कोच का उद्घाटन

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चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश को शिवराज सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है । दरअसल, अब प्रदेश के दो सबसे महत्वपूर्ण शहर भोपाल और इंदौर में जल्द ही मेट्रो चलने वाली है। आज राजधानी भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मेट्रो के मॉडल कोच का उद्घाटन किया है। यह मेट्रो मॉडल कोच मेट्रो ट्रेन का असली मॉडल है। भोपाल और इंदौर में चलने वाली मेट्रो में ऐसे तीन कोच होंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले प्रदेश को मेट्रो की सौगात, बीजेपी सरकार के लिए बड़ा दांव साबित हो सकती है।

बता दें कि, इस मेट्रो की बात करें तो इसकी लंबाई 22 मीटर और चौड़ाई 2.9 मीटर होगी, जिसकी लागत 5 करोड़ रुपये होगी. कोच का इंटीरियर बाकी मेट्रो ट्रेनों जैसा ही है। बताया जा रहा है कि भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेनों के ट्रायल रन की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं और इसी साल सितंबर के मध्य में इन मेट्रो ट्रेनों का ट्रायल रन लॉन्च किया जाएगा । इस मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत भोपाल-इंदौर में ऑरेंज लाइन और ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है। भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना दिसंबर 2026 तक पूरी हो जाएगी। भोपाल मेट्रो लाइन की लंबाई 31 किमी है और कुल लागत 7000 करोड़ है। वहीं, इंदौर मेट्रो लाइन की लंबाई भी 31 किलोमीटर है और इसकी लागत 7500 करोड़ रुपये है ।

इंदौर मेट्रो रेल परियोजना की बात करें तो इंदौर शहर में येलो लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी लंबाई 31.3 किमी है। लाइन में 8.7 किमी का भूमिगत खंड भी है। येलो लाइन पर 21 एलिवेटेड स्टेशन हैं। भोपाल मेट्रो परियोजना के तहत भोपाल शहर में दो लाइनें – ऑरेंज लाइन और ब्लू लाइन – का निर्माण किया जा रहा है। एम्स से करोंद जंक्शन तक निर्माणाधीन ऑरेंज लाइन की कुल लंबाई 16.74 किमी है। इसमें 3.39 किमी का भूमिगत खंड है और इसमें 14 एलिवेटेड स्टेशन होंगे।

भोपाल और इंदौर मैट्रो की विशेषताएं :

  • ऑटोमैटिक डोर, स्टार्ट-स्टॉप और इमर्जेंसी हैंडलिंग (अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन)
  • सायबर अटैक व हैकिंग से सुरक्षित
  • यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक ऑब्सटेकल व डिरेलमेंट डिटेक्शन
  • कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 लोगों के खड़े होने की क्षमता
  • हर दो मिनिट में आने-जाने की होगी फ्रीक्वेंसी
  • ब्रेक के साथ एनर्जी री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत 
  • कोच में होगी जर्म कंट्रोल और एयर-फिल्ट्रेशन की तकनीक, हमेशा स्वच्छ रहेगी हवा
  • कोच में लगे CCTV होंगे AI तकनीक से संचालित
  • ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन (कैमरे करेंगे चेहरों की पहचान)
  • ऑटोमैटिक व स्मार्ट लाइट कंट्रोल व्यवस्था 
  • हाइलेवल पैसेंजर सेफ्टी (HL3 Stansard)
  • दिव्यांगों के लिए विशेष व्हील चेयर्स व उनके अनुकूल बैठने का स्थान नियत
  • कोच मैंटेनेंस की 15 साल की सेवा गारंटी
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