Chandrayaan-3 Landing : चांद पर इतिहास रचने के बेहद करीब भारत, चंद्रयान 3 के अंतिम 15 मिनट होंगे खौफ के पल
चांद पर इतिहास रचने के बेहद करीब है भारत । चंद्रयान 3 अब चांद के बेहद करीब पहुंच गया है। अंतरिक्ष यान का विक्रम लैंडर कल चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा। चांद पर लैंडर मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान को बाहर निकाला जाएगा । जो चांद की सतह पर अगले 14 दिनों तक अलग-अलग रिसर्च करेगा । इससे पहले चंद्रयान चांद के सबसे करीब के ऑर्बिट में चक्कर काटते हुए तस्वीरें ले रहा है। यान के लैंडिंग के अंतिम पल खौफ के पल होंगे जिसे 15 Minutes of terror कहा जाता है। आइए जानें चंद्रयान-3 मिशन की शुरुआत से लैंडिंग तक क्या-क्या होगा …
भारत चांद पर इतिहास रचने के बेहद करीब है । 23 अगस्त को शाम करीब 6 बजकर चार मिनट पर ISRO लैंडर मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश करेगा, अगर लैंडिंग ठीक होती है तो रोवर अगले कई दिनों तक चांद पर रहकर कई रहस्यों से पर्दा उठा सकता है, जो भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी ।
चंद्रयान 3 चांद की सबसे नजदीक कक्षा में पहुंच गया है। चंद्रमा के करीब पहुंचने के साथ ही विक्रम लैंडर ने बीत दिन चांद की कई तस्वीरें भेजी हैं। इसरो ने जारी करते हुए कहा कि अंतरिक्ष यान ने ये तस्वीरें अपने लैंडिंग स्थल को ढूंढने के दौरान खींची है। इसरो के अनुसार, चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर कल यानी 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड करेगा। चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर कल लैंडिंग से 2 घंटे पहले स्थिति का जायजा लेगा। अगर लैंडर लॉडुले की सेहत और चंद्रमा पर हालात ठीक नहीं रहे तो लैंडिंग 27 अगस्त तक टाली जा सकती है।
इसरो के वैज्ञानिक नीलेश देसाई ने कहा कि लैंडर 23 अगस्त को 30 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा की सतह पर उतरने का प्रयास करेगा और उस समय इसकी गति 1.68 किमी प्रति सेकंड होगी। वैज्ञानिक ने कहा कि लैंडिंग के समय गति और कम कर दी जाएगी और अगर ऐसा नहीं किया जा सका तो क्रैश लैंडिंग की संभावना रहेगी । चंद्रयान 3 की लैंडिंग के आखिरी पल अहम होने वाले हैं. दरअसल, किसी भी अंतरिक्ष मिशन के आखिरी पलों को आतंक के आखिरी मिनट कहा जाता है। चंद्रयान 3 के साथ भी यही स्थिति है, जिसके दौरान लैंडर चंद्रमा की कक्षा से बाहर निकलने और सतह पर उतरने का प्रयास करेगा। इन आखिरी 15 मिनटों के दौरान लैंडर अपने आप काम करता है। इस प्रक्रिया में इसरो की ओर से कोई आदेश नहीं दिया जा सकता. इस दौरान विक्रम लैंडर को सही समय, ऊंचाई और सही मात्रा में ईंधन का उपयोग करके उतरना होगा। यही वजह है कि इस वक्त को 15 मिनट्स ऑफ टेरर कहा जाता है ।
वहीं, लैंडर की सफल लैंडिंग के 2 घंटे बाद प्रज्ञान रोवर इससे बाहर निकलेगा। लैंडिंग के दौरान बड़ी मात्रा में उड़ने वाली धूल के कारण सेंसर भ्रमित हो सकते हैं, इसलिए प्रज्ञान रोवर 2 घंटे बाद विक्रम लैंडर से बाहर निकलेगा। रोवर इसके बाद सतह से चांद की खास जानकारी जुटाएगा। लैंडर मॉड्यूल से निकलकर रोवर चांद की सतह पर चलने लगेगा, चांद की सतह पर पहुंचने के बाद ये रोवर एक लूनर डे (चंद्र दिवस) का वक्त वहां गुजारेगा । एक लूनर डे 14 दिनों का होता है । रोवर इसरो के लिए चांद पर कई तरह के वैज्ञानिक परीक्षण करेगा, इससे चांद पर मौजूद कई गहरे राज भी खुल सकते हैं ।
बता दें कि, अब एक बार फिर चंद्रयान के लॉन्च की बारी थी, पूरे देश और दुनिया की निगाहें इस लॉन्च पर टिकी थीं। 14 जुलाई की दोपहर दो बजे सबकी नजरें टीवी पर टिक गईं, जिसके बाद उल्टी गिनती शुरू हो गई। चंद्रयान-3 ठीक दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ और आसमान को चीरता हुआ चांद की ओर रवाना हो गया। लॉन्चिंग के बाद 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया । प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल के अलग होने से पहले इसे 6, 9, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में लाया गया था, जिससे यह चंद्रमा की सतह के करीब आ गया। इसके बाद 17 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल अलग हो गया ।
गौरतलब है कि, भारत के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 की साल 2019 में सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी, जिसके बाद राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने तीसरे मिशन की तैयारी शुरू की । पिछली बार चंद्रयान-2 में जो कमियां थीं, उन्हें बारीकी से देखा गया और चंद्रयान-3 में इस तरह के बदलाव किए गए कि सॉफ्ट लैंडिंग आसानी से हो जाए । पहले ही बता दिया गया कि 2023 में अगला मून मिशन लॉन्च हो सकता है । इस मिशन का कुल बजट करीब 615 करोड़ का है । 6 जुलाई 2023 को ISRO की तरफ से जानकारी दी गई कि 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जाएगा । 11 जुलाई तक इसरो साइंटिस्ट्स ने पूरी तैयारी कर ली और अब रिहर्सल की बारी थी. इसी दिन इसरो ने चंद्रयान-3 का ‘लॉन्च रिहर्सल’ पूरा कर लिया ।