Chandrayaan 3 Pragyan Rover VIDEO Update : चंदामामा की गोद में खेल रहा प्रज्ञान रोवर, लैंडर मां की तरह उसे देख रहा

0
  • इसरो ने जारी किया एक और नया वीडियो

चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर लैंडिंग का आज (31 अगस्त) आठवां दिन है। चांद की सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अपना काम बखूबी तरह से कर रहे हैं। अब भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने रोवर प्रज्ञान का एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें वह सुरक्षित तरीके से चल रहा है और अच्छे से रोटेशन भी कर रहा है। रोटेशन की ये फोटो लैंडर विक्रम के इमेजर कैमरे ने ली है।

इसरो ने रोवर प्रज्ञान का एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें वह सुरक्षित तरीके से चल रहा है और अच्छे से रोटेशन (घूमना) भी कर रहा है। रोटेशन की ये फोटो लैंडर विक्रम के इमेजर कैमरे ने ली है।

सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए इसरो ने लिखा, “प्रज्ञान रोवर चंदा मामा पर अठखेलियां कर रहा है। लैंडर विक्रम प्रज्ञान को ऐसे देख रहा है, जैसे मां अपने बच्चे को खेलते हुए प्यार से देखती है। आपको ऐसा नहीं लगता? इसी बीच, प्रज्ञान ने चांद पर दूसरी बार सल्फर की पुष्टि की है।”

इसरो ने ट्वीट करते हुए बताया कि रोवर प्रज्ञान ने चांद पर सल्फर होने की पुष्टि कर बार फिर से की है। रोवर प्रज्ञान ने 31 अगस्त को अल्फा प्रैक्टिस एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कोप से चांद की सतह पर सल्फर का होना कन्फर्म किया है। इसरो ने ये भी कहा कि अब इस बात खोज कर रहे हैं कि चांद पर सल्फर कहां से आया? स्पेस एजेंसी के अनुसार, चांद पर सल्फर आंतरिक, ज्वालामुखीय घटना से या फिर किसी उल्कापिंड से आ सकता है। अब इसी बात की जांच की जा रही है कि यहां यह कैसे आया?

बता दें कि, चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के पांचवें दिन (28 अगस्त) दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा। इसके मुताबिक चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी है। इसके अलावा चांद की सतह पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है। इसरो के मुताबिक, चंद्रमा की सरफेस पर मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, जबकि हाइड्रोजन की खोज जारी है। प्रज्ञान रोवर पर लगे लिब्स (लेजर इन्ड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप) पेलोड ने ये खोज की।

इससे पहले 28 अगस्त को ही चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगे चास्टे (ChaSTE) पेलोड ने चंद्रमा के तापमान से जुड़ा पहला ऑब्जर्वेशन भेजा था। ChaSTE के मुताबिक, चंद्रमा की सतह और अलग-अलग गहराई पर तापमान में काफी अंतर है। चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, 80mm की गहराई में माइनस 10°C टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया है। चास्टे में 10 टेम्परेचर सेंसर लगे हैं, जो 10cm यानी 100mm की गहराई तक पहुंच सकते हैं। ChaSTE पेलोड को स्पेस फिजिक्स लैबोरेटरी, VSSC ने अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के साथ मिलकर बनाया है।

गौरतलब है कि, चंद्रयान-3 मिशन के तीन हिस्से हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुल 7 पेलोड लगे हैं। एक पेलोड, जिसका नाम शेप है, वह चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर लगा है। ये चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर धरती से आने वाले रेडिएशन की जांच कर रहा है। वहीं, लैंडर पर तीन पेलोड लगे हैं। रंभा, चास्टे और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं। एक इंस्ट्रूमेंट अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का भी है, जिसका नाम है लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर अरे। ये चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा हुआ है। ये चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी मापने के काम आता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.