Delhi Air Pollution : दिल्ली में प्रदूषण के चलते ग्रैप का स्टेज-1 लागू, जानें किन-किन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध

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दिल्ली में हवा की गुणवत्ता शुक्रवार को ‘खराब’ स्तर पर पहुंचने के बाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण 1 के तहत उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है । इसमें सड़क किनारे भोजनालयों, होटलों और रेस्तरां में कोयले के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है। एक बैठक में, ग्रैप पर केंद्र की उप-समिति ने कहा कि पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता मापदंडों में अचानक गिरावट आई है, जिससे दिल्ली का AQI 212 तक पहुंच गया है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के प्रयास में पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी के चरण- I को लागू करना आवश्यक माना जाता है। जीआरएपी सर्दियों के मौसम के दौरान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण विरोधी उपायों के सेट की चार अलग-अलग श्रेणियों के तहत कार्यों को वर्गीकृत करता है। चरण 1 के तहत, अधिकारियों को प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई करने की भी आवश्यकता है।

बता दें कि, इससे पहले एक अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप सिस्टम लागू कर दिया गया था. वहीं पहला चरण शुक्रवार से लागू किया गया । ग्रैप सिस्टम के तहत चार चरणों में पाबंदियां लगाई जाएंगी । पहले डीजल जनरेटर चलाने पर पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन अब पर्यटन मंत्रालय ने दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक सभी क्षमता और श्रेणियां के डीजल जनरेटर सेट को चलाने की अनुमति दे दी है । ग्रैप के लागू करने से पहले अनुमति एक बार के अपवाद के रूप में दी गई है । वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कुछ शर्तों के साथ आपातकालीन सेवाओं के लिए यह फैसला लिया है ।

दिल्ली में 13 हॉट स्पॉट चिन्हित किए हैं। इन हॉट स्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है। इसी तरह निर्माण स्थल पर निगरानी रखने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। 500 वर्गमीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट को डस्ट कंट्रोल करने के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना है। वहीं, 5 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा।

दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डी-कंपोजर का मुफ्त में सफलता पूर्वक छिड़काव किया जाएगा। वाहन से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। साथ ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए 385 टीमें गठित की गई हैं। पिछले सालों की तरह इस साल भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भंडारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

इन चार स्टेज में लागू होगा ग्रैप :-

स्टेज-1 (एक्यूआई 201 से 300 के बीच) :

-सड़कों का नियमित तौर पर पानी का छिड़काव।
-निर्माणाधीन स्थलों पर एंटी स्मॉग गन।
-निर्माणधीन स्थल व निर्माण सामग्री व उसको ले जाने वाले वाहनों को ढंकना अनिवार्य।
-आवाजाही सामान्य रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस की जाम प्वाइंट पर तैनाती।
-जनरेटर चलाने पर बंदिश।
-खुले में कूड़ा जलाने की इजाजत नहीं।
-पीयूसी नियमों का सख्ती से पालन।

स्टेज-2 (एक्यूआई 301 से 400) :

-इमरजेंसी सेवाओं के अलावा डीजल जनरेटरों पर बैन
-होटल, रेस्तरां, भोजनालयों व ढाबों के तंदूर में लकड़ी व कोयले का इस्तेमाल बंद
-पार्किंग फीस को बढ़ाया जाएगा
-अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी
-स्टेज-1 की बंदिशें लागू रहेंगी।

स्टेज-3 (401 से 450) :

-जरूरी निर्माण को छोड़कर अन्य निर्माण पर रोक, प्लंबिंग, इंटीरियल डेकोरेशन से जुड़े काम किए जा सकते हैं।
-ईंट भट्टे, हॉक मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर जो क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं बंद रहेंगे
-एनसीआर में माइनिंग से जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी
-राज्य सरकार बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों पर रोक लगा सकती हैं।
-स्टेज एक व दो की बंदिशें पूर्ववत रहेंगी।

स्टेज-4 (450 से अधिक) :

-जरूरी सामानों के अलावा अन्य डीजल ट्रकों के प्रवेश पर रोक, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रक चल सकेंगे।
-राजधानी के अंदर भी मध्यम और बड़ी गाड़ियां नहीं चल सकेंगी, सिर्फ जरूरी सामानों से जुड़ी गाड़ियों को छूट रहेगी।
-हाइवे, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन और पाइपलाइन जैसे बड़े प्रोजक्ट के निर्माण पर भी रोक।
-सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में 50 प्रतिशत स्टाफ वर्क फ्रॉम होम रहेंगे (राज्य सरकार पर निर्भर)
-राज्य सरकार स्कूलों, कॉलेजों, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, गाड़ियों को ऑड-ईवन पर चलाने जैसे निर्णय ले सकती हैं।
-स्टेज एक दो व तीन में नहीं मिलेगी कोई ढील।

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