NCP Crisis : पार्टी पर हक के लिए चुनाव आयोग के समक्ष पेश हुए शरद पवार, अब 9 अक्टूबर को होगी सुनवाई

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महाराष्ट्र की राजनिति में इस समय चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच माहौल गरम है। दोनों नेता और उनके समर्थक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर अपना-अपना हक जता रहे हैं। अजित की बगावत के बाद पार्टी पर हक को लेकर दोनों नेताओं की ये जंग चुनाव आयोग तक भी पहुंची हुई है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को दोनों ही गुटों को अपनी-अपनी दलीलें पेश करने के लिए बुलावा भेजा था। इसी सिलसिले में चुनाव आयोग के समक्ष आज शरद पवार भी पेश हुए हैं। शरद पवार के साथ आयोग में जितेंद्र आव्हाड और वंदना चव्हाण पहुंचे थे तो वहीं अजित पवार का पक्ष रखने उनके वकील आए थे ।

एनसीपी के चुनाव चिन्ह और नाम पर अधिकार को लेकर जारी विवाद पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई हुई। शरद पवार, जीतेंद्र अह्वाड और शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी आयोग के सामने मौजूद हुए और दलीलें रखीं। वहीं, अजित पवार गुट की ओर से मनिंदर सिंह ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी दलीलें पेश की।

वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अजित पवार गुट पर गलत और फर्जी दस्तावेज देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ” उन्होंने कहा कि शरद पवार एनसीपी के संस्थापक सदस्य हैं और अजित पवार पार्टी पर काल्पनिक अधिकार जता रहे हैं। अजित पवार कह रहे हैं कि पार्टी का फैसला एमएलए एमपी कोर्ट (जहां उनकी सदस्यता पर अयोग्यता का सवाल है) के आधार पर होना चाहिए। अगर कोई गलत दस्तावेज देता है तो उसको माना नहीं जा सकता। ऐसे भी लोगों का दस्तावेज दिया गया जिनकी मौत हो चुकी है । लोगों ने मना भी कर दिया कि उन्होंने साइन नहीं किए किए हैं। एक पार्टी को गलत कागज के जरिए तोड़ने की कोशिश की गई।”

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 में से 42 विधायकों, नौ में से छह विधानपरिषद सदस्यों, नागालैंड से सभी सात विधायकों, लोकसभा और राज्यसभा के एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है ।

बता दें कि, जुलाई की शुरुआत में शरद पवार के भतीजे ने बगावत करते हुए राज्य की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। इस दौरान सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके अलावा उनके साथ आये अन्य सात लोगों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। हालांकि इसके बाद कई बार खबरे आ चुकी हैं कि अजित पवार किसी विषय को लेकर नाराज चल रहे हैं और वह पाला बदल सकते हैं। लेकिन हर बार यह खबरें केवल अफवाह बनकर हवा में उड़ जाती हैं। वहीं, अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था । अगली सुनवाई यानी नौ अक्टूबर को अजित पवार गुट अपना पक्ष निर्वाचन आयोग के समक्ष रखेगा। हाल ही में शरद पवार ने कहा था कि कुछ लोग निजी महत्वकांक्षा के कारण अलग हुए हैं ।

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