AAP MP Sanjay Singh Arrested : ईडी ने सांसद संजय सिंह को किया गिरफ्तार, घर के बाहर जमकर हंगामा, कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की

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दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि संजय के सरकारी आवास पर आज सुबह ही ईडी ने छापा मारा था। अब ईडी ने आप नेता संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है । केंद्रीय एजेंसी आप नेता को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर सकती है ।

दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। आप सांसद संजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। संजय सिंह के अधिकारी ईडी के मुख्यालय में लेकर जाएंगे और गुरुवार (4 अक्टूबर) को उन्हें अदालत में पेश किया जा सकता है । सूत्रों ने बताया कि संजय सिंह पूछताछ में ईडी के सवालों पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है ।

दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी की चार्टशीट में तीन जगहों पर संजय सिंह का नाम है। ईडी की टीम आज सुबह 7 बजे राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी। बता दें कि आप सांसद का घर नार्थ एवेन्यू में है। यहां वह अपने सरकारी आवास में रहते हैं। संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद बड़ी संख्या में फोर्स को उनके घर के आसपास तैनात किया गया है । पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान और पुलिस के जवानों को संजय सिंह के आवास के आसपास के सभी रास्तों पर तैनात किया गया है। संजय सिंह के आवास के फ्रंट और बैक गेट, दोनों के आसपास कड़ी सुरक्षा की जा रही है। बैक गेट के पास बैरिकेड लगाया गया है । वहीं आम आदमी पार्टी के समर्थक भी मौके पर भारी संख्या में मौजूद हैं।

ईडी की गिरफ्त में संजय सिंह जैसे ही अपने आवास के फ्रंट गेट से निकले, उन्होंने नारेबाजी की। पुलिस ने घेरा बनाकर उन्हें निकाला। इसके बाद उन्हें एक गाड़ी में बैठाकर ले जाया गया है । संजय सिंह को जिस गाड़ी से ले जाया गया, उसे कुछ ‘आप’ समर्थकों ने रोकने की कोशिश की । कुछ लोग गाड़ी के सामने सड़क पर लेट भी गए लेकिन पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटा दिया और ईडी की टीम ‘आप’ नेता को अपने साथ ले गई ।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में दो आरोपियों के सरकारी गवाह बनने के बाद ईडी की टीम संजय सिंह के घर पहुंची थी। बता दें कि मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी राघव मगुंटा सरकारी गवाह बने हैं। राघव मगुंटा YSR कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे हैं। कोर्ट ने दिनेश अरोड़ा को भी सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी।  इससे पहले अरबिंदो फार्मा के निदेशक शरद रेड्डी दिल्ली आबकारी नीति मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं। दिल्ली आबकारी मनी लांड्रिंग मामले में फिलहाल राघव मगुंटा और दिनेश अरोड़ा जमानत पर हैं। दिल्ली आबकारी मनी लांड्रिंग मामले में अब तक तीन लोग सरकारी गवाह बन चुके हैं।

संजय सिंह की पत्नी ने कहा, ”…11 घंटे की पूछताछ नहीं हुई, उन्होंने (ईडी की टीम) सुबह आकर पूरी जांच की, पूरे कमरे, अलमारी, सारी चीजों की छानबीन की है। उनको कुछ नहीं मिला है. प्रॉसेस उनकी पूरी हो गई थी लेकिन अभी क्या हुआ कि अचानक उनको गिरफ्तार कर लिया गया। संजय सिंह सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे हैं, उनकी यही सजा मिली हुई है कि उनको जेल में डाल दिया जाए और सच्चाई की हमेशा जीत हुई है। हम चाहते हैं कि सच्चाई की ही जीत होगी तो वो सत्य के लिए लड़े हैं… उनके साथ हम हैं. …उन्होंने बदतमीजी से बात की है। सारे घर को उथल-पुथल कर रखा है। मतलब कुछ उनको मिला ही नहीं सीज करने के लिए। गिरफ्तारी की आधार आपको पता है कि सच्चाई बोलने के लिए और अडानी-अंबानी के लिए बोलने के लिए तो ऊपर से प्रेशर पड़ा है, इसलिए उन्होंने गिरफ्तार किया है। सवाल कुछ नहीं किए उन्होंने, थोड़ा-बहुत जो भी पूछा और नॉर्मल था, ऐसा कुछ नहीं था लेकिन फिर भी उन लोगों का एक मनगढ़ंत षडयंत्र था, हमारे पति बहादुर हैं, वो ऐसे ही लड़ते रहेंगे, हमारा परिवार उनके साथ है…।”

संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”पिछले कुछ हफ्तों से केंद्र सरकार के लिए जबरदस्त नेगेटिविटी है जनता में, पांच राज्यों में अधिकतर चुनाव बीजेपी हार रही है। जनता बीजेपी को वापस लाने को तैयार नहीं। संजय सिंह को बिना सबूत गिरफ्तार किया गया। अब उनके पत्रकार भी उन्हें अच्छा नहीं बता पा रहे। कल पत्रकारों को पकड़ा गया और आज संजय सिंह को। इससे साबित होता है कि प्रधानमंत्री जी चुनाव हार रहे हैं, इसलिए ये सब काम केंद्रीय एजेंसियों से करा रहे हैं। एजेंसियों का गलत इस्तेमाल है, इससे सत्ता बचती नहीं है और तेजी से जाती है।”

गौरतलब है कि, दिल्ली सरकार ने साल 2021 से दिल्ली में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके तहत शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया था। दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने के पीछे ये तर्क दिया था कि इससे माफिया राज खत्म हो जाएगा और इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा। 

लेकिन  सरकार के दावे फेल हो गए थे और सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ा था। सरकार ने खुद ही माना कि शराब की भारी बिक्री के बावजूद रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ है। इसे लेकर दिल्ली सरकार आलोचनाओं के घेरे में आ गई और मुख्य सचिव नरेश कुमार ने सबसे पहले सरकार पर अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को रिपोर्ट में पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया था, जिसके बाद वीके सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था और कई लोगों से इस मामले में पूछताछ की गई थी। इस मामले में हुए विवाद के बाद दिल्ली की आम आदमी की सरकार ने फिर से पुरानी शराब नीति को लागू कर दिया था।

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