उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है । मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू में लगी एजेंसियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। पहाड़ के ऊपर से रास्ता बनाकर मजदूरों को निकालने की कोशिशें भी तेज हैं। टनल के अंदर एंबुलेंस भेजी गई है। जल्द ही मजदूरों को बाहर लाया जाएगा …
उत्तरकाशी त्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए आज 17वां दिन नई उम्मीद लेकर आया है। टनल में फंसी अमेरिकन ऑगर मशीन के मलबे को पूरी तरह बाहर निकालने के बाद अब मैन्युअल तरीके से सुरंग खोदकर मजदूरों के पास पहुंचने की तैयारी है। दिवाली के पर्व वाले दिन हुए हादसे में 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंसे रह गए थे। सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों ने अब तक हार नहीं मानी है और सरकार की ओर से उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन पर पीएम मोदी की पैनी नजर है, वो अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन का पल-पल अपडेट ले रहे हैं।
नल में पाइप काटने के बाद 800 mm का पाइप भीतर डालने के दौरान हुए कंपन की वजह से मलबा फिर आया। इसे दूर करने का काम किया जा रहा है। मज़दूरों के बाहर आने में अभी कम से कम दो घंटे और लग सकते हैं । बचाव अभियान के बीच एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है। श्रमिक अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकें, इसके लिए बीएसएनएल ने यह लैंडलाइन सुविधा स्थापित की है। अधिकारियों ने कहा कि श्रमिकों को बात करने के लिए एक फोन दिया जाएगा ।
चिकित्सा सेवाओं को लेकर ऋषिकेश एम्स अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां ट्रॉमा सेंटर सहित 41 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। ट्रॉमा सर्जन सहित हृदय एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है। ऋषिकेश एम्स के हेलीपैड पर एक साथ तीन हेलीकॉप्टर उतारे जा सकते हैं। गंभीर हालत वाले श्रमिकों को हवाई मार्ग से ऋषिकेश एम्स पहुंचाया जाएगा।
NDMA मेंबर सैयद अता हसनैन ने कहा कि कल से 47 मीटर हॉरिजॉन्टल प्रोब चला है। इसके मैनुअल डिग किया गया है। यह काफी आगे पहुंची है, तकरीबन 58 मीटर तक खुदाई हो चुकी है। अंदर लोगों को जो भेजा जाएगा, हर एक शख्स को बाहर लाने के लिए 3 से 5 मिनट लग सकते हैं। मेरे ख्याल से रात भर लग सकती है। पूरी भारत सरकार औऱ उनकी सभी एजेंसिया, हर किस्म के लोग जुटे हैं। 41 मजदूरों को ऋषिकेश ले जाया जाएगा।